सुरक्षित दवा, सुरक्षित जीवन

सुरक्षित दवा, सुरक्षित जीवन हरिद्वार में औचक निरीक्षण से मेडिकल स्टोर संचालकों में हड़कंप,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरिद्वार, ड्रग्स एंड फूड विभाग हरिद्वार ने किया औचक निरीक्षण,दवा और स्वास्थ्य को लेकर मेडिकल स्टोरो पर परखी व्यवस्थाऐ, जागरूकता के दे दिए सख्त निर्देश

सुरक्षित दवा, सुरक्षित जीवन:

हरिद्वार में औचक निरीक्षण अभियान का महत्व, प्रक्रिया और प्रभाव और समाज में योगदान

उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों पर राज्यभर में “सुरक्षित दवा और सुरक्षित जीवन” अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है, लोगों को सुरक्षित, प्रभावी, और प्रमाणित दवाएं उपलब्ध कराना।

हरिद्वार, जो एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है, यहां आने वाले पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मेडिकल स्टोर्स पर निर्भर रहना पड़ता है। इस कारण से यहां दवाओं की गुणवत्ता और उनके भंडारण की स्थिति पर कड़ी नजर रखना बेहद जरूरी हो जाता है। हरिद्वार में औचक निरीक्षण के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि मेडिकल स्टोर्स पर बेची जा रही दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी हैं, और स्टोर्स पर कार्य कर रहे लोग नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं।

हम “सुरक्षित दवा, सुरक्षित जीवन” अभियान के उद्देश्य, औचक निरीक्षण की प्रक्रिया, निरीक्षण के दौरान सामने आई अनियमितताओं, और भविष्य में इससे होने वाले संभावित प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की गयी है ।

1. “सुरक्षित दवा, सुरक्षित जीवन” अभियान: उद्देश्य और आवश्यकता

भारत में दवाओं की खपत लगातार बढ़ रही है। दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते दवा बाजारों में से एक भारत है। यहां के मेडिकल स्टोर्स पर बेची जा रही दवाओं की गुणवत्ता और उनके सही भंडारण की प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। अक्सर देखा जाता है कि दवाओं की एक्सपायरी डेट खत्म हो जाती है और फिर भी उन्हें बेचा जाता है। इसके अलावा, कई बार बिना लाइसेंस की दवाएं भी बेची जाती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती हैं।

इसलिए, “सुरक्षित दवा, सुरक्षित जीवन” अभियान की शुरुआत की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि सभी मेडिकल स्टोर्स पर केवल प्रमाणित, सुरक्षित और प्रभावी दवाएं बेची जाएं। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि दवाओं का भंडारण और वितरण नियमों के अनुसार किया जा रहा हो। इसके अलावा, दवाओं के लिए उपयुक्त तापमान, भंडारण स्थान, और उनके परिवहन की सही प्रक्रिया को भी ध्यान में रखा गया है।

इस अभियान का उद्देश्य मेडिकल स्टोर संचालकों में जागरूकता लाना, दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना, और नियमों का पालन करने के लिए उन्हें प्रेरित करना है। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य को भी सुरक्षित किया जा सकेगा।

2. औचक निरीक्षण का महत्व और उद्देश्य

औचक निरीक्षण का विशेष महत्व तब होता है जब प्रशासन किसी कार्य स्थल पर पूर्व सूचना के बिना पहुंचता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह होता है कि निरीक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया जाए कि उस स्थान पर कोई भी अव्यवस्था या अनियमितता न हो। जब कोई भी संस्था या व्यक्ति किसी काम के लिए पूर्व सूचना प्राप्त करता है, तो वह उस काम को सही तरीके से करने के लिए पहले से तैयारी कर सकता है। लेकिन औचक निरीक्षण के दौरान यह संभव नहीं होता है, क्योंकि इस स्थिति में वह व्यक्ति या संस्था किसी भी तैयारी के बिना अपने कार्यों की वास्तविक स्थिति का सामना करता है।

इसलिए, औचक निरीक्षण प्रशासन को एक वास्तविक और निष्कलंक स्थिति का आकलन करने का अवसर प्रदान करता है। यह निरीक्षण किसी भी प्रकार की अनियमितताओं का पर्दाफाश करने में मदद करता है, और यह सुनिश्चित करता है कि दवाओं का सही तरीके से वितरण और भंडारण हो रहा है।

हरिद्वार में हुए इस निरीक्षण अभियान का उद्देश्य यह था कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दवाएं गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित और प्रभावी हैं। इसके अतिरिक्त, यह सुनिश्चित करना कि दवाओं की एक्सपायरी डेट समाप्त नहीं हो, उन्हें सही तापमान पर रखा जाए, और स्टोर संचालक सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करें, भी इस निरीक्षण का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य था।

3. औचक निरीक्षण की प्रक्रिया

“सुरक्षित दवा, सुरक्षित जीवन” अभियान के तहत हरिद्वार में औचक निरीक्षण अभियान के दौरान कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। इन कदमों का उद्देश्य यह था कि दवाओं की गुणवत्ता की सही तरीके से जांच की जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि मेडिकल स्टोर्स पर बेची जा रही दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

i. मेडिकल स्टोर्स का चयन और निरीक्षण

पहले चरण में, हरिद्वार के विभिन्न प्रमुख स्थानों जैसे रानीपुर मोड़, चंद्राचार्य चौक, और अन्य क्षेत्रों के मेडिकल स्टोर्स का चयन किया गया। इन स्टोर्स पर अचानक पहुंचने से यह सुनिश्चित किया गया कि वहां कोई भी स्टोर संचालक पूर्व सूचना के बिना तैयार न हो पाए। निरीक्षण के दौरान टीम ने स्टोर्स की स्थिति, दवाओं का भंडारण, और अन्य मानकों की जांच की।

ii. दवाओं का भंडारण और तापमान की जांच

मेडिकल स्टोर्स पर दवाओं का भंडारण एक अहम मुद्दा है। कई दवाएं तापमान के प्रति संवेदनशील होती हैं और इन दवाओं को खराब होने से बचाने के लिए विशेष तापमान पर रखना आवश्यक होता है। इस निरीक्षण में यह सुनिश्चित किया गया कि दवाएं उचित तापमान पर रखी जा रही थीं। विशेष रूप से, जिन दवाओं को रेफ्रिजेरेटर या फ्रीजर में रखना जरूरी था, उन्हें सही तापमान पर रखा गया था या नहीं, इसकी जांच की गई।

iii. एक्सपायरी दवाओं की जांच

दवाओं की एक्सपायरी डेट को लेकर प्रशासन बेहद सख्त है। एक्सपायरी डेट के बाद दवाओं का उपयोग खतरनाक हो सकता है और इससे स्वास्थ्य संबंधित गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस निरीक्षण में यह सुनिश्चित किया गया कि मेडिकल स्टोर्स पर एक्सपायरी डेट वाली कोई दवा न हो। टीम ने दवाओं की पैकिंग और लेबलिंग को ध्यान से देखा और एक्सपायरी डेट की जांच की।

iv. लाइसेंस और कागजात की जांच

हर मेडिकल स्टोर के पास एक वैध लाइसेंस और पंजीकरण होना अनिवार्य है। निरीक्षण के दौरान स्टोर संचालकों से लाइसेंस, पंजीकरण और अन्य आवश्यक दस्तावेजों की मांग की गई। जिन स्टोर्स में लाइसेंस और दस्तावेज सही नहीं पाए गए, उन्हें सुधारने के लिए निर्देश दिए गए।

v. अनधिकृत दवाओं की जांच

कई बार, मेडिकल स्टोर्स पर बिना मंजूरी की दवाएं बेची जाती हैं, जो नकली हो सकती हैं। निरीक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि सभी दवाएं मान्यता प्राप्त कंपनियों से आई हुई हों। इस दौरान, कुछ स्टोर्स पर अनधिकृत दवाएं पाए जाने पर, उन स्टोर्स के संचालकों को चेतावनी दी गई और उचित कार्रवाई की गई।

4. निजी मेडिकल स्टोर्स पर निरीक्षण

निरीक्षण के अगले चरण में निजी मेडिकल स्टोर्स पर ध्यान केंद्रित किया गया। ये स्टोर्स कभी-कभी एक्सपायरी दवाओं की बिक्री और अनधिकृत दवाओं के वितरण में शामिल होते हैं। टीम ने इन स्टोर्स पर दवाओं के भंडारण की स्थिति, दवाओं की एक्सपायरी डेट, narcotic sabstances ke records और लाइसेंस की जांच की। कई स्टोर्स पर निरीक्षण के दौरान कुछ अनियमितताएं पाई गईं, जिन्हें सुधारने के लिए निर्देश दिए गए।

5. अधिकारियों का बयान और भविष्य की दिशा

अधिकारियों ने इस अभियान की सफलता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस निरीक्षण अभियान का उद्देश्य लोगों को सुरक्षित दवाएं उपलब्ध कराना था। सिविल जज और सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिमरनजीत कौर ने कहा, “हमारा लक्ष्य लोगों को सिर्फ दवाएं नहीं देना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि वे दवाएं और खाद्य पदार्थ पूरी तरह से सुरक्षित, प्रमाणित और प्रभावी हों।”

उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के निरीक्षण अभियान को पूरे हरिद्वार में नियमित रूप से चलाया जाएगा और यदि किसी स्टोर में अनियमितताएं पाई जाती हैं, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

6. निष्कर्ष और भविष्य में होने वाले प्रभाव

“सुरक्षित दवा, सुरक्षित जीवन” अभियान के तहत किए गए औचक निरीक्षण से मेडिकल स्टोर्स में कई सुधार आए हैं। यह अभियान न केवल दवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में मदद करेगा, बल्कि इससे मेडिकल स्टोर संचालकों में भी जागरूकता बढ़ेगी। भविष्य में, अगर ऐसे अभियान नियमित रूप से होते रहते हैं, तो यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि लोगों को सुरक्षित और प्रभावी दवाएं उपलब्ध होंगी।

इस अभियान के जरिए प्रशासन ने यह संदेश दिया है कि दवाओं के वितरण और भंडारण के संबंध में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अलावा, मेडिकल स्टोर्स को यह एहसास होगा कि उन्हें हर स्थिति में कानून का पालन करना है और ग्राहकों को केवल सुरक्षित दवाई ही देनी है


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